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शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

गुरुवर तेरी कृपा ने

 

गुरुवर तेरी कृपा ने

गुरुवर तेरी कृपा ने, किस्मत जगा दिया है।

दोजख सा जी रहा था,जन्नत बना दिया है।।

 

भटका पडा था यूँ  ही, ना ठौर था हमारा।

ठोकर ही लग रही थी, तुमने दिया सहारा।।

उंगली पकड़ के तूने,चलना सीखा दिया है।

गुरुवर तेरी कृपा ने,किस्मत जगा दिया है।। 

 

माया मरीचिका में, ये मन भटक रहा था।

सुख साधनों के पीछे, ये तन भटक रहा था।।

दुःख से भरा था जीवन,सुख सार दे दिया है।

गुरुवर तेरी कृपा ने, किस्मत जगा दिया है।।

 

छल दंभ द्वेष से तो,कलुषित हुआ था जीवन।

मद लोभ और घृणा से,दूषित हुआ था ये मन।।

हर दोष को  मिटाकर, जीवन बदल दिया है।

गुरुवर  तेरी कृपा ने, किस्मत जगा दिया है।।

 

जिस पल से ये हाथ थामा,जीवन संवर गया है।

हर सांस अब है तेरा, तन मन निखर गया है।।

मै दास हूँ तुम्हारा,  सब कुछ भुला दिया है।

गुरुवर तेरी  कृपा ने, किस्मत जगा दिया है।।

-उमेश यादव 

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