अनमोल है वक्त
समय जो मिला है इसे तुम सम्हालो,
सोकर गुजारो या सोना बनालो।
अनमोल है वक्त सभी जानते हैं,
ख़ुशी से गुजारो या रोकर बितालो।।
समय है की सबको बराबर मिला है,
कुछ को फ़ुरसत नहीं,कहीं कटता नहीं है।
खता है वक्त को यूँ ही बर्बाद करना,
वक्त बर्बाद करके तुम्हें छोड़ेगा।।
वक्त तो रेत है वो फिसल जायेगा,
समेटो उसे, उसको
अपना बनालो।
अनमोल है वक्त सभी जानते हैं,
ख़ुशी से गुजारो या रोकर बितालो।।
तुम्हारे लिए गर वक्त देता कोई,
तुम बुरे वक्त में न उसे छोड़ना।
वक्त के साथ जिंदगी बदल जाती है,
ये दिखाता बहुत कुछ,पर दिखता नहीं है।।
है ये अजीब दास्ताँ जिंदगी की,
जहन्नुम बना लो या जन्नत को पालो।
अनमोल है वक्त सभी जानते हैं,
ख़ुशी से गुजारो या रोकर बितालो।।
ख्वाब पालो नहीं की शुभ घडी आएगी,
वक्त आकर समय से निकल जायेगा।
करना है जो भी सही वक्त अब है,
फिर अफ़सोस हो न समय के लिए।।
वक्त की नजाकत को समझो जरा,
या तो दुश्मन बनालो या अपना बनालो।
अनमोल है वक्त सभी जानते हैं,
ख़ुशी से गुजारो या रोकर बितालो।।
वक्त का चाक हरपल चला जा रहा है,
न मुड़ेगा कभी, न थमेगा कभी ।
वक्त की चाल को जो समझ पायेगा,
लक्ष्य तक वो चलेगा,न रुकेगा कभी।।
मंजिलें भी कदम चूम लेंगी तेरा,
वक्त से तू कदम से कदम तो मिला लो।
अनमोल है वक्त सभी जानते हैं,
ख़ुशी से गुजारो या रोकर बितालो।।
-उमेश यादव 13-2-21
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