यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

गुरुवर के दिव्य संदेश वाहक



गुरुवर के दिव्य संदेश वाहक



गुरुवर के दिव्य संदेश वाहक,प्रखर चेतना के प्रखर पुंज तुम हो।

ज्ञानरूप गुरुवर के दिव्य-साधक, नवल चेतना,नव्य शांतिकुंज तुम हो।।



तुम्हीं से जगत ने नई शक्ति पाई, अध्यात्म ने नव विस्तार पाया।

धर्म को विज्ञान से तुमने जोड़ा, अध्यात्म का लाभ संसार पाया।।

प्रखर ज्ञान संचार कर्ता जगत के,अदभुत प्रतिभा के पुंज तुम हो।

ज्ञानरूप गुरुवर के दिव्य-साधक, नवल चेतना,नव्य शांतिकुंज तुम हो।।



युवावर्ग के मार्गदर्शक तुम्हीं हो,प्रेरणा ले तुम्हीं से सन्मार्ग पाया।

भावना शून्य भौतिकता से हुए थे, अध्यात्म अमृत सबको चखाया।।

आदर्श हो तुम युवा के, जगत के, सन्मार्ग दर्शक, प्रेरणा पुंज तुम हो।

ज्ञानरूप गुरुवर के दिव्य-साधक, नवल चेतना,नव्य शांतिकुंज तुम हो।।



गुरुवर के गूढ़ सूत्रों को तुमने, सहज भाव कर के जग को बताया।

अध्यात्म के मर्म का ज्ञान देकर, मानवी चेतना को उन्नत बनाया।।

अवतरण है तुम्हारा देवत्व बचाने, प्रखर दिव्यशक्ति,चेतनापुन्ज तुम हो।।

ज्ञानरूप गुरुवर के दिव्य-साधक, नवल चेतना,नव्य शांतिकुंज तुम हो।।

-उमेश यादवराष्ट्र

कोई टिप्पणी नहीं: