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गुरुवार, 30 मार्च 2023

आदरणीय डॉ0 चिन्मय पण्ड्या जी को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें | Janmd...

जन्मदिवस परम आदरणीय चिन्मय भैयाजी

 

जन्मदिवस शुभ पावन, दिव्यानुभूति कराया।

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।

 

पूर्ण ज्ञानमय चिन्मय,

गुरु कार्य में तन्मय।

व्यक्तिव साधनामय है,

अस्तित्व सदा मंगलमय।।

गूँजे कर्ण स्वर तेरे, सबको झकझोर उठाया।  

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।    

   

था खुमार में जीवन,

जकड़ा था आलस ने तन। 

सुबह बाद भी सोये,

हम देख रहे थे दु:स्वप्न। 

निशा में सोया था मन,निंद्रा से हमें जगाया।

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।    

 

हैं क्रांतिदूत गुरुवर के,

हैं सुर माता के स्वर के।

धर्म ज्ञान सिखलाया,

सद्चिन्तन सूत्र बताया।।

गहन आत्म विद्या का, सुधारस पान कराया। 

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।    

 

परिजन ने पीड़ा पायी,

प्रकटे बन गुरु वरदायी। 

सब संताप मिटाए,

फिर क्षण आया सुखदाई।।

शैल प्रणव के प्यारे, गुरुवर का मान बढ़ाया। 

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।    

 

माथे पर तिलक लगाया,

उर में शौर्य जगाया।

दिया पाथेय सभी को,

विजयरथ हमें चढ़ाया।।

क्रांति के हवन कुंडों में,प्रतिभा का हवि कराया।

ओजस्वी वाणी ने हम,सबको चैतन्य कराया।।    

-उमेश यादव

सोमवार, 20 मार्च 2023

जगत जननी माँ गायत्री

जगत जननी माँ गायत्री

जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।
ज्ञान भक्ति सत्कर्म सीखा दो,मानव का उत्थान करो।।

हंसवाहिनी हे जगमाता, नीर क्षीर का ज्ञान दो।
प्राणदायिनी मातु भगवती, शक्ति भक्ति दो, प्राण दो।।
हीं श्रीं क्लीं त्रिपदा माता, बुद्धि विद्या दान करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

सकल सृष्टि के आप नियंत्रक, शक्तिरूपिणी आप हो।
जड़ प्रकृति में आप विराजे, सावित्री प्रतिरुप हो।।
चक्र मध्य से सृष्टि करो माँ, नया जगत निर्माण करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

ऋग यजु साम अथर्व ज्ञान,सब जीवों में संचार करो।
वेदों की जननी हे माते, सब में श्रेष्ठ विचार भरो।।
अंत करो अज्ञान का माते, सद्विवेक सद्ज्ञान भरो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

ईश्वर की संकल्प शक्ति माँ, प्राणमयि चैतन्य हो।
पंचभूत त्रिगुणा स्वरुप तुम, ब्रह्मा विष्णु अनन्य हो।।
तुम महेश हो महाशक्ति हो, जीवन मुक्ति प्रदान करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

अक्षर चौबीस महामंत्र का, नित्य जाप जो करते है।
सद्गुण बढ़ जाते हैं उनके, पाप ताप सब डरते हैं।।
गायत्री ही कामधेनु है, श्रद्धा सहित प्रणाम करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।
उमेश यादव

माँ गायत्री कृपा करो अब

माँ गायत्री कृपा करो अब

हे जगजननी,जग कल्याणी, दुःख कष्टों को दूर करो

कृपा करो हे माँ गायत्री, निज पुत्रों की पीर हरो।।

 

कर्त्तव्य मार्ग पर चल पायें माँ,पग में शक्ति हमें देना

ज्ञान और वैराग्य दो माते, अपनी भक्ति हमें देना।।

हे जगदम्बे प्रखर प्राण दो,ऊर में श्रद्धा  भाव भरो

कृपा करो हे माँ गायत्री, निज पुत्रों की पीर हरो।।

 

प्रज्ञामाता प्रखर बुद्धि दो,चित्त वृति की शुद्धि हमें दो

प्राणदायिनी सकल सृष्टि की,अष्टसिद्ध नवनिध हमें दो।।

सत्य  सनातन सतोगुणी माँ, शरण गहो माँ दया करो

कृपा करो हे माँ गायत्री, निज पुत्रों की पीर हरो।।

 

शक्तिस्वरूपा हे जगदम्बे, जन जन का कल्याण करो

तुम्हीं आसरा सकल भुवन के, जन मन का उत्थान करो।।

दया करो हे विश्व की माता, सबकी विपदा दूर करो     

कृपा करो हे माँ गायत्री, निज पुत्रों की पीर हरो।।

 

विलख रहे हैं पुत्र तुम्हारे,आर्त भाव माँ तुम्हें पुकारे

कष्ट हरो करुणामयी माते, शरणागत हैं पूत तुम्हारे।।

भगवती माता संबल दो अब, जीवन में आनंद भरो

कृपा करो हे माँ गायत्री, निज पुत्रों की पीर हरो।।

उमेश यादव

जगतजननी माँ सुनो

 

जगतजननी माँ सुनो

स्नेह ममता मयि माता,आज ये पुकार है।

जगतजननी माँ सुनो, यह पुत्र की गुहार है।। 

 

आसरा हो तुम्हीं माते,दूर कर संताप जग के।

वेदनाएं सह रहे पग,दूर कर हर शूल मग के।।

फंस चुकी है नाव अपनी,जहाँ पर मंझधार है।

जगतजननी माँ  सुनो, यह पुत्र की गुहार है।।   

 

विलखते हैं पूत तेरे, आर्त स्वर में माँ पुकारे।

शरण में हूँ,सुनो माते, दूर कर दे कष्ट सारे।।

खुश रहे सारा जहाँ, बस एक ही मनुहार है।

जगतजननी माँ सुनो यह, पुत्र की गुहार है।।   

 

पीर बढ़ता जा रहा माँ,सहन शक्ति क्षीण है।

शेष बस तेरा सहारा,  हर  तरह से दीन हैं।।

दे जरा तू हाथ अपना, तू ही तो आधार है।

जगतजननी माँ सुनो यह, पुत्र की गुहार है।।    

 

कर कृपा दे शौर्य माते, लडखडाना ना पड़े।

दूर हों भव विघ्न सारे,राह में अब ना अड़े।।

शक्ति दो साहस हमें दो,याचना अधिकार है।

जगतजननी माँ सुनो यह, पुत्र की गुहार है।।    

 

तृषित होते भाव अपनें,स्नेह की ना धार है।

बन गए हैं रिपु अपने,दूर तक ना प्यार है।।

शुष्क होते हर ह्रदय को,प्यार की दरकार है।

जगतजननी माँ सुनो यह, पुत्र की गुहार है।।--उमेश यादव

मंगलवार, 7 मार्च 2023

Ude Rang Ulaal Shahar Mein | Holi hai bhai | Dr Anamika Singh |Holi Geet...

https://youtu.be/l767fAjazII

*उड़े रंग गुलाल शहर में*

होली है भई होली है।

हम मस्तों की टोली है।।

 

सखि संवर सँवर सब अईहें

होरी मधुर मधुर स्वर गईहें।।

मन श्याम रंग मतवारो 

तन मन सब रंग रंगईहें।।

सखि संवर सँवर सब अईहें

होरी मधुर मधुर स्वर गईहें।।

 

राधा रंग के मारे पिचकारी जी

निकले बच कृष्ण मुरारी जी।।

ढोली ढोल बजावे ढम-ढम के

कान्हा नाच नचावे छम छम के।।

सखि संवर सँवर सब अईहें

होरी मधुर मधुर स्वर गईहें।।

 

बैर हटाएं प्रेम बढ़ाएं।

एक दूजे को रंग लगाएं।।

 

ब्रज ग्वालों के संग मुरारी हैं

गोपियों की भी तैयारी है।।

उड़े रंग गुलाल शहर में

मन डूबा रंग भंवर में।।

सखि संवर सँवर सब अईहें

होरी मधुर मधुर स्वर गईहें।।

 

रंग गुलाल लगाएंगे।

होली आज मनाएंगे।।

तारारारा योगिरा तारारारारा

 

राधा रंग रंगे हैं गिरधारी जी

कान्हा रंग रंगे हैं ब्रजरानी जी।।

मन झूमर झूमर के नाचे

तन फगुवा के रंग में रांचे।।

सखि संवर सँवर सब अईहें

होरी मधुर मधुर स्वर गईहें।।

-उमेश यादव