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सोमवार, 20 मार्च 2023

जगत जननी माँ गायत्री

जगत जननी माँ गायत्री

जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।
ज्ञान भक्ति सत्कर्म सीखा दो,मानव का उत्थान करो।।

हंसवाहिनी हे जगमाता, नीर क्षीर का ज्ञान दो।
प्राणदायिनी मातु भगवती, शक्ति भक्ति दो, प्राण दो।।
हीं श्रीं क्लीं त्रिपदा माता, बुद्धि विद्या दान करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

सकल सृष्टि के आप नियंत्रक, शक्तिरूपिणी आप हो।
जड़ प्रकृति में आप विराजे, सावित्री प्रतिरुप हो।।
चक्र मध्य से सृष्टि करो माँ, नया जगत निर्माण करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

ऋग यजु साम अथर्व ज्ञान,सब जीवों में संचार करो।
वेदों की जननी हे माते, सब में श्रेष्ठ विचार भरो।।
अंत करो अज्ञान का माते, सद्विवेक सद्ज्ञान भरो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

ईश्वर की संकल्प शक्ति माँ, प्राणमयि चैतन्य हो।
पंचभूत त्रिगुणा स्वरुप तुम, ब्रह्मा विष्णु अनन्य हो।।
तुम महेश हो महाशक्ति हो, जीवन मुक्ति प्रदान करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।

अक्षर चौबीस महामंत्र का, नित्य जाप जो करते है।
सद्गुण बढ़ जाते हैं उनके, पाप ताप सब डरते हैं।।
गायत्री ही कामधेनु है, श्रद्धा सहित प्रणाम करो।
जगत जननी माँ गायत्री,जन जन का कल्याण करो।
उमेश यादव

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