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शनिवार, 2 फ़रवरी 2019

नए वर्ष में नई पहल हो।

नए वर्ष में नई पहल हो।

नए वर्ष में नई पहल हो।
सबमें मानवता प्रबल हो।।
सबके ही चरित्र धवल  हो।
सबका ही भविष्य उज्ज्वल हो।
नए वर्ष में नई पहल हो।।

प्यार परिश्रम की सरिता में।
अब तो जल पावन निर्मल हो।।
कीच भरे भले ही तल में।
ऊपर तो  प्रस्फुटित कमल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।

नए साल में नयी गज़ल हो।
नए बाग हो, नई फसल हो।।
गम कहीं भी पास नहीं हो।
खुशियों से भरा हर पल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।
घर आँगन उजियारा फैले।
चारो ओर ही चहल पहल हो।।
अंधियारा न टिके कहीं भी।
सपनों का साकार महल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।
कठिन जिंदगी और सरल हो।
परिश्रम का मीठा ही फल हो।।
अनसुलझे ना रहे पहेली।
अब शायद उसके भी हल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।
सभी सुखी हो, सबका हित हो।
सबका ही अति निर्मल चित हो।।
विश्व एक परिवार सदृश हो।
यह दैवीय अभियान सफल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।

नई धरा हो, नया गगन हो।
नए हो पंछी, नया चमन हो।।
नवल वर्ष के नए जगत में।
सबका ही शुभ आज औ कल हो।।
नए वर्ष में नई पहल हो।
-----उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार।