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मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ।

*महावीर बजरंग बली*
महावीर  बजरंग  बली, श्री राम  दूत  का अभिनन्दन है।
दुष्टदलन,दुःख-कष्ट हरण,श्री हनुमान का शुभ वंदन है।। 

मनुजता जब भी फंसी भँवर में,हनुमान ने उसे उबारा।
भ्रम व भय से मुक्ति दिलाया,नव जीवन दे हमें संवारा।।
सेवा से  श्री  राम  प्रसन्न  हो जाते हैं, जग को बतलाया।  
सेवा  धर्म ही श्रेष्ठ धर्म है, हनुमत ने जीकर सिखलाया।।
प्रभु सेवक केसरी नंदन का,पवनसुत का अभिवादन है। 
महावीर  बजरंग बली, श्री  राम दूत का अभिनन्दन है।।

दुष्टों  के प्रभु सदा काल हैं, महाकाल के अवतारी  हैं।
संतों के रक्षक हैं हरपल, भक्तों  के ह्रदय बिहारी हैं।। 
जहाँ  कहीं भी अन्धकार है,सूर्य समान पथ द्योतक हैं।
बल बुद्धि विद्या के सागर हैं,आप ही संकटमोचक हैं।।
हर संकट के समाधान हैं,शुभ कार्य को हरि चन्दन हैं।
महावीर बजरंग बली, श्री राम दूत का अभिनन्दन है।।

नयी  विपदा आई जग में, आप ही अब उपचार करो।
अतिसूक्ष्म है असुर आज का, प्रभु इसका संहार करो।।
संकट  में  है  प्राण मनुज के, संजीवन दे उपचार करो।
अभयदान फिर दो भक्तों को,हम सब पर उपकार करो।।
आस  और  विश्वास कपिवर, आपका ही चरण वंदन है।
महावीर  बजरंग  बली, श्रीराम  दूत का अभिनन्दन है।।
-उमेश यादव 27-4-21

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

तौर बदलना होगा

 👉तौर बदलना होगा


सुनो साथियों,समय कठिन है,संभल-संभल कर चलना होगा।

घर में रहें सुरक्षित प्रिय जन, अब तो तौर बदलना होगा।।


है विनाश की काली छाया, दुनिया में दहशत फैलाया। 

यह अदृश्य होकर है लड़ता,छुपा हुआ दुश्मन है आया।।

जीवन पर संकट आया है, हर क्षण हमें संभलना होगा।

घर में रहें सुरक्षित प्रियजन,अब तो तौर बदलना होगा।।


शत्रु है यह बड़ा सयाना,  तनिक  नहीं इससे घबराना। 

सावधान होकर  है लड़ना,  हम सबको है  इसे हराना।। 

श्वास-प्राण से युद्ध है इसका,मास्क लगाकर चलना होगा। 

घर में रहें सुरक्षित प्रियजन,अब तो तौर बदलना होगा।।


प्राणायाम है बहुत जरुरी, नींद करो अपनी सब पूरी।

सट कर मत चल मेरे भाई,दो गज दुरी बहुत जरुरी।।

इधर उधर न छूना कोई, हाथ समय पर धोना होगा।   

घर में रहें सुरक्षित प्रियजन,अब तो तौर बदलना होगा।।


गरम गुनगुना पानी पीओ,सर्दी खांसी रहित हो जिओ।

हल्दी का दूध सबसे उत्तम,रोज रात में कप भर पीओ।।    

प्रण लो भाई बिना काम के,घर से नहीं निकलना होगा।

घर में रहें सुरक्षित प्रियजन,अब तो तौर बदलना होगा।।


हंसी ख़ुशी जीवन है जीना, सदा संतुलित भोजन लेना। 

डॉक्टर के सलाह लेकर ही, कोई भी ओषधि  है लेना।।

जीत हमारी सदा सुनिश्चित, सावधान हो चलना होगा। 

घर में रहें सुरक्षित प्रियजन,अब तो तौर बदलना होगा।।

-उमेश यादव 22-4-21

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

युवाओं के आदर्श चिन्मय

 जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई

हर युवा के दिल की धड़कन, जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई।।

युवाओं के आदर्श चिन्मय, जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई। 


आपका है जन्म पावन, मनुज को वरदान है। 

आपसे हर समस्या का,समुचित समाधान है।।

युवाओं के शक्ति चिन्मय,जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई।। 


गुरुवर के अंश वंशज,प्रणव के प्रतिरूप हो। 

ज्ञान के सागर तुम्हीं हो,शैल के अनुरूप हो।।  

ज्ञान के अग्रदूत चिन्मय, जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई। 

    

प्रेरणा पाते तुम्हीं से,मिशन के अभियान का। 

योजनायें सफल होती,ज्ञान और विज्ञान का।। 

मिशन का विश्वास चिन्मय,जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई। 


राम का ही कार्य करने,अवतरण है आपका। 

चेतना है प्रखर उज्जवल,गुरु का,भगवान का।। 

संस्कृति के दूत चिन्मय, जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई।।


आपका निर्देश पाकर, मिशन बढ़ता जाएगा।

पताका ये क्रांति का, सर्वत्र ही लहराएगा।।

मनुजता की आस चिन्मय,जन्मदिवस की तुम्हें बधाई।


धन्य है जीवन हमारा,आपका शुभ स्नेह पाकर। 

दिव्यता से मन है भरता,आपके ही पास आकर।।

प्रेरणा के श्रोत चिन्मय, जन्मदिवस की तुम्हें बधाई। 

8.महागौरी

हे अम्बे, हे महागौरी माँ, भक्तों का कल्याण  करो।
पाप ताप संताप हरो,दुःख कष्टों का अवसान करो।।

श्‍वेताम्‍बरधरा, हे वृषारूढ़ा, गौर वर्ण, माँ दुर्गा माता।

अन्नपूर्णा, ऐश्वर्य प्रदायिनी, अष्टवर्षा,हे जग के त्राता।। 

पाप हारिणी पुण्य प्रदायिनी,अभय करो माँ प्राण भरो।  

हे अम्बे, हे महागौरी माँ, भक्तों  का  कल्याण  करो।


कठिन तपस्या से माते ने,शिवशंकर सा वर पाया था।

कर डमरू शोभित माता ने,तप करना सिखलाया था।। 

चैतन्यमयी हे मातु भवानी,त्रितापों का अवसान करो।

हे अम्बे, हे महागौरी माँ, भक्तों  का  कल्याण  करो।

 

शक्ति अमोघ है सदा तुम्हारी, सद्य: फलदायिनी हे माते। 

अन्तः के कल्मष धो देतीं,पवित्र पुण्य दायिनी हो माते।। 

हे शिवा-सुभद्रा कृपा करो अब, दुष्टों के अभिमान हरो।

हे अम्बे, हे महागौरी माँ, भक्तों का  कल्याण  करो। 

   उमेश यादव 

माँ नवदुर्गा


 माँ नवदुर्गा

हे नवदुर्गा कृपा करो माँ, जगती का उपकार करो। 

मानव में देवत्व जगाकर,भू पर स्वर्ग साकार करो।।


शैलपुत्री माँ सती-पार्वती,भव बंधन से मुक्त करा दो।

प्यार और सहकार बढ़े माँ, सुविचार की धार बहा दो।।

बृषभ स्थिता, हेमवती माता, दिव्य ज्ञान संचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 


ब्रह्मचारिणी ब्राह्मी माता,तप करने की शक्ति हमें दो। 

शिव स्वरूपा गनेश जननी, शिव की अविचल भक्ति हमें दो।।

ज्योतिर्मय  हे  मातु उमा अब, मन में  श्रेष्ठ  विचार भरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।


चंद्रघंटा हे मातु भवानी, हर संकट को दूर भगा दे। 

सुख,सौभाग्य,शांति दे माते,हर मानव को श्रेष्ठ बना दे।।

दिव्य विभूतियाँ दे  दो  अम्बे, अहंकार  संहार  करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 


कूष्मांडा हे आदिशक्ति माँ,तूने ही ब्रह्माण्ड बनाया।

अष्टभुजा हे आदिस्वरुपा, तेरी कांति सर्वत्र समाया।। 

रोग शोक का अंत करो माँ,अंतस से कुविचार हरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।  


स्कंदमाता परम सुखदायी,मुक्ति मोक्ष को सहज करा दो।

शुभ्रवर्ण कमलासिनी माते, मूढ़ मति  हैं, श्रेष्ठ बना  दो।।  

सांसारिक  जीवों  में  माता, नवचेतन का प्रसार  करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।  


कात्यायिनी माता की भक्ति,जो साधक कर पाता है। 

धर्म अर्थ और काम मोक्ष की,प्राप्ति सहज हो जाता है।। 

चतुर्भुजा हे  मातु पराम्बा, भय रोग शोक संताप हरो। 

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 


कालरात्रि हे महाकाली माँ,संत साधू अब भटक रहे हैं। 

रुद्रानी  चामुंडा  चंडी  माँ, रक्तबीज फिर पनप रहे  है।। 

हे शुभंकरी फिर असुर  बढ़े  हैं, उन सबका संहार करो। 

मानव  में  देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 


महागौरी हे  मातु अम्बे, पाप हरिणी  पुण्य  प्रदाता। 

शक्ति  अमोघ  हे वृषारूढ़ा, सद्य: फलदायिनी हे माता।। 

चैतन्यमयी  हे  मातु भवानी, दुष्टों  का  उपचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 

 

सिद्धिदात्री जय माँ दुर्गे, साधक में नव प्राण भरो।

सिंहासिनी कमलासिनी देवि, सर्वसिद्धि का दान करो।।

प्राणी मात्र को सुखी करो माँ, श्रद्धा का संचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 


मातृरूप में हे माँ दुर्गा, हर  प्राणी  को वरदान दो।  

जीव मात्र हों सुखी निरोगी, सबका ही कल्याण हो।। 

हे नवदुर्गा,हे शक्तिस्वरूपा,मानव में श्रेष्ठ विचार भरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।। 

-उमेश यादव 20-4-21

9.सिद्धिदात्री

 9.सिद्धिदात्री

ज्ञान रूप हे मातु शतावरी,साधक में नव प्राण भरो। 

सिद्धिदात्री जय माँ दुर्गे,जन जन का कल्याण करो।।


यक्ष गन्धर्व सेवारत निशदिन,देव दनुज भी चरण पखारें। 

शंख-चक्र-गदा-पंकज कर,ऋषि-मुनि-यति तव रूप निहारें।। 

हे  शतावरी   माँ  साधक  में, श्रद्धा  का  आधान  करो।

सिद्धिदात्री  जय  माँ  दुर्गे, जन जन  का कल्याण करो।। 


अणिमा गरिमा महिमा लघिमा,सर्वसिद्धि के मातु प्रदाता। 

सिंहासिनी कमलासिनी देवि, जगदम्बे भक्तों की माता।।  

मन को शुद्ध पवित्र  करो  माँ,  बुद्धि विवेक प्रदान करो।

सिद्धिदात्री  जय  माँ दुर्गे, जन जन  का  कल्याण करो।।


अर्धनारीश्वर शिव को तुमसे,सर्वसिद्धि वरदान मिला था। 

राम भक्त हनुमन को तुमसे,अष्टसिद्धि का दान मिला था।।

प्राणी मात्र को सुखी करो माँ, बल आरोग्य प्रदान करो।

सिद्धिदात्री  जय  माँ दुर्गे, जन जन का कल्याण करो।।

  उमेश यादव 

बुधवार, 14 अप्रैल 2021

डॉ.भीम राव आंबेडकर

👉 *डॉ.भीम  राव आंबेडकर*
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
दीन, दुःखी, दलितों, पतितों को, समता का अधिकार दिया।
जय भीम राव की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।
जय आंबेडकर की जय हो, जय बाबासाब की जय हो।।
 
बचपन  से  ही थे तेजस्वी, कार्य  तुम्हारे परम ओजस्वी।
प्रतिभा के तो धनी रहे तुम,प्रखर विचारक,महामनस्वी।।
सभ्य समाज  के  सभ्य  मनुज हों, समदर्शी संसार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
 
छुआ - छूत और उंच - नीच से, जीवन भर एतराज जताया।
भूख और भय से मुक्त राष्ट्र कर,अछूतों को भी ताज दिलाया।।
सुदृढ़  संविधान  बनाया  जो,  हर वासी  ने  स्वीकार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
 
सामाजिक  दुर्भाव  हटाने, बृहद  अभियान  चलाया  था ।
दलितों  के  उत्थान  के  लिए,  पूरा  जन्म  लगाया  था।।
ज्ञान,शील,स्वाभिमान जगाकर, पतितों का उद्धार किया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।
 
भारत  के  तुम  अमूल्य  रत्न  हो, कानून के निर्माता हो।
सत्य,अहिंसा,न्याय,प्रेम से,  सबके  भाग्य  विधाता  हो।।
न्याय सभी के लिए बराबर, यह सबको  अधिकार दिया।
संविधान निर्माता,विधि के ज्ञाता,हम सब पर उपकार किया।।

-उमेश यादव

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