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शनिवार, 5 सितंबर 2020

युग निर्माता अध्यापक

              -:  युग निर्माता अध्यापक  :-

युग निर्माता, भाग्य विधाता, जीवन पथ दिखलाता है।

जो जग को श्रेष्ठ बनाता है, वह अध्यापक कहलाता है॥

 

गढ़े कुम्हार कलश को जैसे, शिल्पी बनाते हैं प्रतिमा को।

अनगढ़ को सुगढ़ बनाते हैं वो,चमकाते सबकी प्रतिभा को॥

कच्चे  खनिजों  को भी वह तो, हीरक सा चमकाता है।

जो जग को श्रेष्ठ बनाता है, वह अध्यापक कहलाता है॥

 

माता सम वो प्रेम लुटाते, करुणामय करुणा सिखलाते।

पिता तुल्य अनुशाशन से वे, जीवन मार्ग प्रशस्त बनाते॥

अंतर के अज्ञान को लखकर, ज्ञान की ज्योति जलाता है।

जो जग को श्रेष्ठ बनाता है, वह अध्यापक कहलाता है॥

 

संस्कारों से सिंचित करके, मन उपवन में पुष्प खिलाते।

खुद अभाव में रहकर भी वे, शिष्यों को हैं योग्य बनाते॥

शिक्षा देकर जन  जन को वह, जीवन सरल  बनाता है।

जो जग को श्रेष्ठ बनाता  है, वह अध्यापक कहलाता है॥

युग निर्माता, भाग्य  विधाता, जीवन  पथ दिखलाता है।

                       -उमेश यादव