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रविवार, 18 जून 2017

धरती को स्वर्ग बनायेंगे

पर्यावरण दिवस पर विशेष
धरती को स्वर्ग बनायेंगे ....

साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।
स्वर्ग और है कहीं नहीं , धरती को स्वर्ग बनायेंगे।।

अगर न होंगे पेड़ हमारे हवा कहाँ से आएगी।
कैसे लेंगे साँस बताओ, दवा कहाँ से आएगी।।
ना काटेंगे पेड़ों को हम ,पौधे खूब लगायेंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

फूल बिना कैसे पूजेंगे, परम शक्ति भगवान को।
अन्न बिना क्या बचा पाएंगे, धरती पर इन्सान को।
आओ फूल खिलाये जग में, जिससे सब  मुस्कायेंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

जल ही जीवन इस जगती का, उसे ना व्यर्थ बहायेंगे।
बूंद बूंद जल है अमूल्य यह,  हम सबको बतलायेंगे।।
प्यास जीव की बुझा करके, यह सृष्टि बचा हम पाएंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

प्राणवायु हो स्वक्छ अगर तो, हम निरोग रह  पाएंगे।
हवा ही अगर हुई प्रदूषित, हम कैसे जी पाएंगे।।
प्रदुषण मुक्त करें धरा को, तभी साँस ले पाएंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

चिड़िया कैसे चहकेगी, गर  बाग नहीं लगायेंगे।
आसमान से उच्चे उड़कर ,नभ तक कैसे जायेंगे।।
इनका घर गर नष्ट हुआ तो हम सब नष्ट हो जायेंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

वन्य जीव संरक्षित करना, हम सबका ही धर्मं हो।
हर प्राणी की रक्षा करना, हर मनुष्य का कर्म हो।.
बचा ना सके इसे अगर, तो हम भी  बच ना पाएंगे।
साथ सभी मिल मातृभूमि को, फूलों सा मह्कायेंगे।।

उमेश यादव, शांतिकुंज,