पितर हमारे सदा पूज्य हैं
पितर हमारे सदा पूज्य हैं, तर्पण श्राद्ध कराएं।
पितरों की स्मृति में आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।
पितरों की स्मृति में आओ, आओ वृक्ष लगाएं।।
पितरों ने जीवन रहते हमपर उपकार किया है।
ज्ञान धन प्रतिभा देकर,समृद्ध संसार दिया है।।
अभावों में रहे किन्तु,स्वजनों को मान दिलाया।
हरसंभव कोशिश से उनने हमको श्रेष्ठ बनाया।।
ऋणी रहेंगे सदा उन्हीं के,कृतज्ञ भाव विकासायें।
पितरों की स्मृति में आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।
पितरों की स्मृति में आओ, आओ वृक्ष लगाएं।।
पितरों के लालन पालन, पोषण से हुए बड़े हैं।
पितरों के ही कृपादृष्टि से,हम सब आज खड़े हैं।।
पितरों को श्रद्धांजलि देकर अपना फर्ज निभायें।
दस पुत्रों सम एक वृक्ष है, आओ वृक्ष लगाएं।।
ज़माना याद करें पितरों को,श्रद्धा सुमन चढ़ाएं।
पितरों की स्मृति में आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।
पितरों की स्मृति में आओ, आओ वृक्ष लगाएं।।
-उमेश यादव