अवतरित हुई हैं महाशक्ति, हम उनकी बात बताते हैं।।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
नवयुग का निर्माण धरा पर,गुरुवर ने संकल्प लिया।
शक्ति स्वरूपा माताजी ने,युग निर्माण प्रकल्प दिया।।
स्वर्ग धरा पर आये कैसे, गुरुवर ही हमें बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
सूर्य चन्द्र ब्रह्माण्ड जगत सब, माता की ही माया है।
महाकाल के कालचक्र माँ ने गतिमान कराया है।।
हर प्राणी की पालक पोषक, माँ की बात बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
शक्ति के अवतरण वर्ष में, नादब्रह्म जब ध्वनित हुई।
जसवंत राव शर्मा के घर में, माताज़ी अवतरित हुई।।
राम प्यारी की लाली की, लीलामृत पान कराते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
बाल्य काल से ही माताजी,शिव चिंतन में लीन हुई।
महाकाल से महामिलन को, महाशक्ति तल्लीन हुई।।
शिव साधिका महाशक्ति की, साधन ध्यान बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
कठिन तपस्या की गुरुवर ने, माँ ने साथ निभाया था।
जौ की रोटी,छांछ बनाकर,
माँ ने साथ में खाया था।।
प्रकृति-पुरुष के कठिन साधना, का वृतांत बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
ॐ, दया, श्रद्धा की पालक, जग को प्यार लुटातीं हैं।
शतीश, शैल की माताजी ही, जग माता कहलातीं है।।
हर प्राणी में स्नेह जगातीं, माँ की बात बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
एक सूत्र में बाँधा माँ ने, गायत्री परिवार बनाया।
गुरुवर के हर अभियानों को,माँ ने ही साकार कराया।।
विश्व क्रांति की अधिपति माते,को हम शीश नवाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
सबका भाग्य बनाने वाली,सुख सौभाग्य जगाती हैं।
प्राणी मात्र को संवेदन का, अमृत पान कराती हैं।।
प्रेम दया करुणा ममता की छांव हम माँ से पाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
नारी जागृति अभियानों का, माँ ने शंख बजायी थी।
देवकन्याओं को शिक्षण दे, नारी शक्ति जगाई थी।।
नारी के गौरव गरिमा की, जागृति गान सुनाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
अश्वमेध यज्ञों से माँ ने, जग में अलख जगाया है।
देव संस्कृति विजय पताका,चहुँ दिशि फहराया है।।
दिव्य अलौकिक छवि माता की,सादर शीश झुकाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
हर प्राणी में तुम हो माता,अन्नपूर्णा अन्नदाता हो।
स्नेह सुधारस पान कराती,अखिल विश्व की माता हो।।
प्यार तुम्हारा पाकर माते, सहज तृप्ति पा जाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
भटक रहे मनुज को माँ ने, सही मार्ग दिखलाया है।
मानवता के श्रेष्ठ धर्म को, पालन भी करवाया है।।
हम बदलेंगे युग बदलेगा,
मंत्र यही अपनाते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।।
सुख को बांटो दुःख बंटाओ,माँ ने हमें बताया है।
मिल बांटकर खाओ रोटी, माँ ने ही सिखलाया है।।
स्नेह प्रेम वात्सल्य की देवी, का कर्तृत्व बताते हैं।
माता भगवती की महिमा का, सुन्दर कथा सुनाते हैं।। -उमेश यादव