२०२३
नवल वर्ष का अभिनन्दन है
नवल
वर्ष का अभिनन्दन है,
बढ़ें,
नया कुछ कर दिखलायें।
धरा धाम
को श्रेष्ठ बनाने,
नव
जागृति के शंख बजाये।।
अरुणोदय
की वेला पावन,
सुरभित
होती दशो दिशाएँ।
प्रातःकाल
के दिव्य प्रवाह में,
पुष्पित
होती है आशाएं।।
नए जगत
के नवनिर्माण में,
अपना भी
पुरुषार्थ लगाएं।।
नूतन
वर्ष पुकार रहा है,
विश्व
शांति को आगे आयें।
नए वर्ष
में नए लक्ष्य लें,
नए जोश
से काम करें हम।
कालखंड
है नवयुग का अब,
तनिक
नहीं विश्राम करें हम।।
बिगुल
बजा है नवल क्रान्ति का,
बढ़ें,
नए प्रकल्प विकसायें।।
स्वागत है
इस नए वर्ष का,
नवीन
क्रांति के विगुल बजाएं।
नया
सवेरा नयी उमंगें,
नवल
प्राण, विश्वास नए हैं।।
नया
सूर्य है, नयी किरण है,
नवीन वात,
हर स्वांस नए हैं
नयी
सभ्यता नयी संस्कृति,
नव्य
सृष्टि, नव कल्प बनाएं।
नवल
वर्ष का सुप्रभात है,
मन में
नव संकल्प जगाएं।।
-उमेश
यादव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें