*स्वागत करेंगे नवल
वर्ष का हम*
शुभकामनायें
नए वर्ष पर है,
नवीन स्वर
में गुनगुनाना पड़ेगा।
सवेरा नया
हो रहा है जगत में,
खोल चंचु हमें
चहचहाना पड़ेगा।।
नवल वर्ष
में अब नयी तान छेड़ो,
नए गीत फिर
से रचाना पड़ेगा।
नवल वर्ष का
हम सुस्वागत करें,
आज समवेत
स्वर में गाना पड़ेगा।।
अखिल विश्व
में फिर उन्मुक्त होकर,
बंधनों से
हमें पार जाना पड़ेगा।
नवल वर्ष
में अब नए लक्ष्य पाने,
कदम से कदम
को मिलाना पड़ेगा।।
फैलाए पांखे
आकाश से अब,
हमें फिर
क्षितिज तक जाना पड़ेगा।
सुनो सूर्य
प्राची से उगने है वाला ,
जागृति शंख
अब तो बजाना पड़ेगा।।
थके हैं जो
पथ में, पाथेय देकर,
पुनः उनके
पग को बढ़ाना पड़ेगा।
नए रास्ते
पर नए जोश भरकर,
नयी मंजिलों
तक जाना पड़ेगा।।
लक्ष्य है
की सुखमय सारा जगत हो,
खुशहाली सब
ओर लाना पड़ेगा।
श्रम से
बनायेंगे माटी को सोना,
नए लक्ष्य
को फिर से पाना पड़ेगा।।
-उमेश यादव
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