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गुरुवार, 27 जनवरी 2022

रक्षा का सूत्र

 

*रक्षा का सूत्र*

 

भाई की हाथों रक्षा का, सूत्र बांधती बहना।।

रक्षा करना बहना की,भैया हरदम खुश रहना।

 

कच्चे धागों का ये बंधन,अखंड प्रेम सिखलाता।

भगिनी के हाथों से भाई,स्नेह प्यार है पाता।।

तू मेरा और मैं तेरा हूँ, बहन भाई का कहना। 

भाई की हाथों रक्षा का, सूत्र बांधती बहना।।

 

टूटे न रिश्तों के धागे,यह मूल्यवान होता है।

बहन भाई के स्नेह के आगे,जलधि भी छोटा है।।

निर्झरिणी की प्रेम स्नेह जल,विमल भाव से बहना।

भाई की हाथों रक्षा का, सूत्र बांधती बहना।।

 

प्रीत रीति रेशम के धागे, कभी नहीं कच्चे हैं ।

सुख और दुःख में साथ निभाते,दोनों ही अच्छे हैं।।

जख्मों की हैं दिव्य औषधि,घावों को है भरना।

भाई की हाथों रक्षा का, सूत्र बांधती बहना।।

-उमेश यादव

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