माँ
गायत्री कृपा करो अब
हे
जगजननी,जग कल्याणी, दुःख कष्टों को दूर करो।
माँ
गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
चल
पायें कर्त्तव्य मार्ग पर,पग में ऐसी शक्ति हमें दो।
ज्ञान
दो वैराग्य हमें दो,निज चरणों की भक्ति हमें दो।।
हे
जगदम्बे प्रखर प्राण दो,ऊर में श्रद्धा का भाव भरो।
माँ
गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
प्रज्ञामाता
प्रखर बुद्धि दो,अशुद्ध चित्त की शुद्धि हमें दो।
सकल
सृष्टि की प्राणदायिनी,अष्टसिद्धि नवनिधि हमें दो।।
सत्य सनातन सतोगुणी माँ,शरण गहो माँ दया करो।
माँ
गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ पीर
हरो।।
शक्तिस्वरूपा
हे माँ अम्बे,जन जन का कल्याण करो।
तुम्हीं
आसरा हो अब माते, शक्ति भक्ति प्रदान करो।।
हे विश्वमाता
दया करो अब, आन विपदा दूर करो।
माँ
गायत्री कृपा करो अब,व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
विलख रहे
हैं पुत्र तुम्हारे,आर्त भाव माँ तुम्हें पुकारे।
दुःख
हरो करुणामयी माते,शरणागत हैं पुत्र तुम्हारे।।
भगवती
माता संबल दो अब,जीवन में आनंद भरो।
माँ
गायत्री कृपा करो अब,व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
उमेश
यादव 19-5-21
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें