*माँ गायत्री कृपा करो अब*
हे जगजननी,जग कल्याणी, दुःख कष्टों को दूर करो।
माँ गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
चल पायें सन्मार्ग हमेशा,पग में ऐसी शक्ति हमें दो।
प्रज्ञामाता ज्ञान हमें दो,निज चरणन की भक्ति हमें दो।।
हे जगदम्बे प्रखर प्राण दो, ऊर में श्रद्धा
भाव भरो।
माँ गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ पीर हरो।।
वेदों की माता जगजननी,मलिन ह्रदय है,निर्मल कर दो।
पर उपकार में जीवन जीयें,शक्ति दो माँ संबल भर दो।।
सत्य
सनातन सतोगुणी माँ, शरण गहो माँ दया करो।
हे जगजननी, जग कल्याणी, दुःख कष्टों को दूर करो।
शक्तिस्वरूपा हे माँ अम्बे,जन जन का कल्याण करो।
तमस बहुत बढ़ रहे जगत में,ज्ञान रश्मियाँ दान
करो।।
दूर करो दुःख कष्ट जगत के,पुत्र हैं माँ पीर हरो।
माँ गायत्री कृपा करो अब, व्याधि हरो माँ
पीर हरो।।
विलख रहे हैं पुत्र तुम्हारे,आर्त भाव माँ तुम्हें पुकारे।
दुःख हरो करुणामयी माते, शरणागत हैं पुत्र
तुम्हारे।।
भगवती माता संबल दो अब, जीवन में आनंद
भरो।
हे जगजननी,जग कल्याणी, दुःख कष्टों को दूर करो।।
उमेश यादव
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