क्रांतिवीर मंगल
पाण्डेय शहीद दिवस
अठारह सौ सत्तावन
में, पहला बिगुल बजाया था।
आजादी के मतवाले से,अंग्रेजों
ने भय खाया था।।
ईस्ट इंडिया के
विरुद्ध में, जनमानस तैयार किया।
सिपाही विद्रोह
करा, रिपुओं पर प्रथम प्रहार किया।।
क्रांतिवीर मंगल
पाण्डेय से,फिरंगी भी थर्राया था।।
आजादी के मतवाले से,अंग्रेजों
ने भय खाया था।।
भारत माँ का वीर
सिपाही, राष्ट्र धर्म उसे प्यारा था।
देश,धर्म,संस्कृति
के खातिर,प्राण भी उसने वारा था।।
फिरंगी मारो के
नारे से, अंग्रेजों को धमकाया था।
देश प्रेम को
जागृत करने, अपना शेर गुर्राया था।
परतंत्रता की
बेंडी काटने, ज्वाला को धधकाया था।
क्रांतिवीर मंगल
पाण्डेय से,फिरंगी भी थर्राया था।।
जय हो भारत,धर्म की जय हो,देश हमारा न्यारा था।
अमर शहीद मंगल
पाण्डेय से,ब्रिटिश हुकूमत हारा था।।
उमेश यादव -8 apr 21
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