महादेव की परमभक्ति
आत्म तत्व को जागृत करने,महादेव की परमभक्ति है।
नवयुग का निर्माण कराने, महाकाल की महाशक्ति है।।
अज्ञान तमस में खोया मानव,जगदीश्वर को भूला है।
अवांछित अन्वेषण से नर, मिथ्या मद में फूला है।।
ज्ञान गंग की भक्ति-शक्ति से, भव सागर से मुक्ति है।
नवयुग का निर्माण कराने, महाकाल की महाशक्ति है।।
त्राहि त्राहि मच रही जगत में, कष्टों का अम्बार खड़ा है।
तरह तरह के आधिव्याधि से पीड़ित यह संसार पडा है।।
कालकूट से मुक्त जगत हो, नीलकंठ से अनुरक्ति है।
नवयुग का निर्माण कराने, महाकाल की महाशक्ति है।।
सुर असुरों के महासमर में,महादैत्य विकराल खड़ा है।
सृष्टि चक्र को बाधित करने,मूढ़मति नर हठ पे अड़ा है।।
ऐसी झंझा के क्षण में शिव, चंद्रशेखर की आर्तभक्ति है।
नवयुग का निर्माण कराने, महाकाल की महाशक्ति है।।
-उमेश यादव
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