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गुरुवार, 27 जनवरी 2022

हे मानव अपना परिचय दो

 

*हे मानव अपना परिचय दो*

कौन है तू, कहाँ से आया,कौन है अपना कौन पराया?

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

 

जन्म से पहले माँ के गर्भ में,तेरा ये शुरुआत हुआ है

जन्म पश्चात नामकरण से जीवन का प्रभात हुआ है।।

नाम है तू या है शरीर? तेरा तन नाम से पहले आया

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

 

तू हाथ है या कि पाँव है, तू नाखून है या उंगली है

हाथ है तेरा,पाँव भी तेरा,नाख़ून भी है,तेरी ऊँगली है।।

तू है शरीर या तेरा शरीर है, इसी प्रश्न ने उलझाया

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

   

अंग अवयव तेरे ही हैं सब, तू ही उसका मालिक है

धन सम्पति,नाम प्रतिष्ठा,में भी पुरुखों का वारिश है।।

क्या यही परिचय मानूं या फिर,ये सब है केवल माया

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

 

कपडे जूते चश्में आदि ,बेशक ये सब कुछ तेरे हैं

तेरा ही अधिकार है इनपर, फिर भी प्रश्न घनेरे हैं।।

बाह्य वस्तु भी तेरा है और तेरा है ये नश्वर काया

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

 

पूरा तन ही तेरा है और,ये धन दौलत भी तेरा है

तेरा कहलाने वाला उस मालिक का कहाँ बसेरा है।।

जाने उसका परिचय जिससे,है तन ये चेतन हो पाया

हे मानव अपना परिचय दो,आत्मरूप हो या हो काया।।

-उमेश यादव 16dec21

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