*अपनी खूबियाँ खोजो तुम*
अपनी खूबियाँ खोजो तुम, कमियां तो लोग निकालेंगे।
विश्वास करो स्वयं पर तुम,कुछ लोग तो शंका पालेंगे।।
पीछे न कदम हटाओ तुम, आगे ही बढ़ते जाओगे।
बाधाओं से टकराकर भी, सर्वत्र विजय को पाओगे।।
लक्ष्य प्राप्ति की ओर चलो,यशगाथा लोग तो गा लेंगे।
अपनी खूबियाँ खोजो तुम,कमियां तो लोग निकालेंगे।।
सपनों को साबित करने को,लगन परिश्रम से जुट जाओ।
धर्म संस्कृति देश की खातिर, चाहो तो पूरा लुट जाओ।।
जुट जाएँ जूनून जगा करके,हम पत्थर भी पिघला लेंगे।
अपनी खूबियाँ खोजो तुम, कमियां तो लोग निकालेंगे।।
कुछ करके दिखाओ दुनिया को,पीछे जो कहता कहने दो।
खुद की पहचान बनाओ तुम,लोगों को भीड़ में रहने दो।।
बना सको तो इतिहास बना, बातें तो लोग बना लेंगे।
अपनी खूबियाँ खोजो तुम, कमियां तो लोग निकालेंगे।।
-उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार
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