*अमर शहीद मंगल पाण्डेय*
भारत माँ का वीर
सिपाही, धर्म कर्म उसे प्यारा था।
अमर शहीद मंगल
पाण्डेय से,ब्रिटिश हुकूमत हारा था।।
ईस्ट इंडिया ने भारत पर, एक छत्र था राज किया।
जितना चाहा उतना
लूटा,भय आतंक का राज दिया।।
स्वर्णमयी भारतमाता
को, निर्धन और लाचार किया।
मंगल ने तब तुरही
फूंक,नवचेतन का संचार किया।।
व्यथित हुई भारत माँ
ने, शूरों को तभी पुकारा था।
अमर शहीद मंगल
पाण्डेय से,ब्रिटिश हुकूमत हारा था।।
विगुल बजाया
आजादी का, चिंगारी सुलगाया था।
वह था वीर सिपाही
जिससे,ब्रिटिश राज घबराया था।।
सिपाही
विद्रोह करा, अपना सामर्थ्य दिखाया था।
हर फोजी में जोश
जगा, गोरों का होश उड़ाया था।।
मारो
फिरंगी के नारे से, अंग्रेजों को ललकारा था।
अमर शहीद मंगल
पाण्डेय से,ब्रिटिश हुकूमत हारा था।।
राष्ट्र हित इस
महावीर ने,जन जन का आव्हान किया।
देशभक्ति को जागृत करनें, प्राणों का बलिदान दिया।।
प्रथम वीर मंगल पाण्डेय ने, राष्ट्र-धर्म सिखलाया था।
आजादी की सोच
हमारे, अन्तः तक पहुंचाया था।।
भारत माँ के वीर सपूत को, आजादी अति प्यारा था।
अमर शहीद मंगल
पाण्डेय से,ब्रिटिश हुकूमत हारा था।।
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