*गंगा, गीता, गायत्री, गैया*
गौमाता के अनुदानों से, अपना देश महान है।।
गंगा, गीता, गायत्री माँ, ये भारत की शान
हैं।।
गायत्री और यज्ञ से भारत, देवों का स्थान
हुआ।।
संस्कृति जननी माता से ही,मानव का कल्याण हुआ।
गौमाता के अमृत पय से, हम निरोग बलवान है।
गंगा, गीता, गायत्री माँ, ये भारत की शान हैं।।
अविरल गंगा की धारा से, देश हमारा हरा हुआ
है।
गोरस सेवन करके मानव,स्वस्थ निरोगी बड़ा हुआ है।।
जिस घर इनका वास है होता,वह घर स्वर्ग समान है।
गंगा, गीता, गायत्री माँ, ये भारत की शान हैं।।
गीता के अध्यात्म ज्ञान से,कर्मक्षेत्र में वीर बने हैं।
गौमाता की सेवा करके, धीर, वीर, गंभीर बने हैं।।
मोक्षदायिनी माँ गंगा ही,
करती जनकल्याण हैं।
गंगा, गीता, गायत्री माँ, ये भारत की शान हैं।।
गौमाता की सेवा से नर, बनते दिव्य महान है।
गायत्री गीता अपनाकर, नर बन जाते भगवान
हैं।।
पुण्य दायिनी,माँ गंगे को,शत शत बार प्रणाम है।
गंगा, गीता, गायत्री माँ, ये भारत की शान हैं।।
-उमेश यादव
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