हे शिवशम्भू
हे शिव शम्भू कृपा करो अब,
हे त्रिपुरारी कष्ट हरो।
हे चंद्रशेखर,ज्ञान दान दो,अन्धकार को नष्ट करो।।
भ्रम से, भय से,दुराचरण से,आज मनुज अकुलाया है।।
अशिव शक्ति ने सभ्य जनों को,देखो बहुत सताया है।
हे आदिदेव, हे महादेव, हे
शिवशंकर कल्याण करो।
हे शिव शम्भू कृपा करो अब,
हे त्रिपुरारी कष्ट हरो।।
आज मनुजता त्रषित हुई है,आधि व्याधि चहुँ ओर है।
तन मन प्राण व्यथित हुए हैं,दश दिश दारुण शोर है।।
जगतपिता विश्वनाथ दया कर,मानवता के पीर हरो।
हे शिव शम्भू कृपा करो अब,
हे त्रिपुरारी कष्ट हरो।।
नराधमों ने धराधाम
पर, भीषण कहर मचाया है।
आबाल वृद्ध नारी सज्जन को,दुःख पीड़ा पहुंचाया है।।
हे महाकाल,हे भोलेनाथ,अब संतों को कल्याण करो।
हे शिव शम्भू कृपा करो अब,
हे त्रिपुरारी कष्ट हरो।।
हाहाकार मचा है जग में, चहुँ ओर कालिमा छाई है।।
संग्राम समर है सुर असुरों का, हार रही अच्छाई है।
हे कालजयी इस कालकूट का,सबके हित में पान करो।
हे शिवशम्भू कृपा करो अब,
हे त्रिपुरारी कष्ट हरो।
–उमेश यादव
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