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गुरुवार, 27 जनवरी 2022

क्यों करते हो घटिया काम

*क्यों करते हो घटिया काम*
 
हो ईश्वर के अंश महान, क्यों करते हो घटिया काम
तनिक लोभ लालच के कारण,हो जाओगे तुम बदनाम।।
क्यों करते हो घटिया काम
 
स्वार्थ-द्वेष में पड़कर तूने,नीयत क्यों बिगाड़ लिया है
पैसे से बढकर इज्जत है,क्यों मिटटी में गाड़ लिया है।।
सोचो क्यों गलत करते हो, क्यों बन जाते हो बेईमान
हो ईश्वर के अंश महान, क्यों करते हो घटिया काम।।
 
ये मत सोचो जो भी तुमसे, मीठी मीठी बातें करता
तेरे घटिया कामों में वो,तुझे उकसाकर साथ है देता।।
स्वार्थ सधे तक ही है तेरा, वही करेगा तुम्हें नीलाम
हो ईश्वर के अंश महान, क्यों करते हो घटिया काम
 
कुछ भी नहीं लेकर आये थे, ना कुछ लेकर जाना है
  नाम यश अपयश जो भी होगा,बाद वही अफसाना है।।  
चोला पहने  ईमानदारी  का, क्यों करते हो गंदे काम
लेकर के तुम गुरु का नाम,क्यों करते हो घटिया काम।।
 
अरे तनिक सोचो अंतर से, करो सदा अच्छे ही काम
तुम्हें तुम्हारे साथ मिलेंगे, प्रभु परमेश्वर गुरु श्रीराम।।
अच्छे कार्य में जो भी लगे हैं, गुरु बनाते बिगड़े काम
हो ईश्वर के अंश महान, क्यों करते हो घटिया काम
 
ईमान धर्म से जीवन जो जीता,वही प्रभु को प्यारा है
छल कपट नहीं है मन में जिसके,गुरु ने उसे संवारा है।।
सोचो प्रभु  का साथ चाहिए  या  बेईमानी  का ईनाम
हो ईश्वर के अंश महान, क्यों करते हो घटिया काम
-उमेश यादव

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