नशा मुक्त भारत
नशे के विरुध्ध अब,समर सज चुका है।
नशा मुक्त भारत हो,शंख बज चुका है।।
समर सज चुका है, शंख बज चुका है।
जवानी नहीं अब, नशे मे डुबेगी
।
कहानी नहीं अब,
नशे की बनेगी।।
नशा नास करती,यही सच है समझो।
नशा न कहीं हो, मुहिम बन चूका है।।
नशा मुक्त भारत हो,शंख बज चुका है।
ना होंगे अब सौदे नशीली
दवा के।
युवा न उड़ेगा
जहरीली हवा में।।
नशा का कहीं अब न व्यापार होगा।
राष्ट्र का संकल्प दृढ़ हो चूका है।।
नशा मुक्त भारत हो,शंख बज चुका है।
नशे की दिवानी, जवानी न होगी।
नशा प्राण लेले, कहानी ना होगी।।
नशा करने वालों का, बुरा हश्र होता।
तरुण सभ्य शिक्षित,यह राष्ट्र कह चुका है।।
नशा मुक्त भारत हो,शंख बज चुका है।
नशे के विरुद्ध आओ हम सब खड़े हों।
नशा करने वाले अब कहीं ना पड़े हों।।
नशेड़ियों का पूर्ण
बहिष्कार होगा।
ना लेगा नशा देश
प्रण ले चुका है।।
नशा मुक्त भारत हो,शंख बज चुका है।
-उमेश यादव 09-12-20
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