परम
श्रधेया जीजी के जन्मदिवस पर #श्रद्धेय
माँ
का रूप निहारा
मातृ तुल्य तुम स्नेह स्वरूपा, करुणा की अवतार हो
।
हे गुरुवर
के अंश जीजी,
तुम प्रेम मूर्ति साकार हो ।।
जब भी तुम्हें निहारा जीजी, माँ का रूप निहारा
है।
हम छोटे
नादान बच्चों का, तुम्हीं एक सहारा है ।।
बड़ी बहन
बन पाला पोषा, सरस्वती अवतार हो ।
हे गुरुवर
के अंश जीजी तुम, प्रेम मूर्ति साकार हो।।
इतना प्यार दिया आपने, अपनों को भी भुला दिए ।
अपनी छोटी दुनिया छोड़ी,बड़े जगत में समां गए ।।
अपनी जीवन
नैया की, दीदी तुम ही पतवार हो।
हे गुरुवर
के अंश जीजी तुम, प्रेम मूर्ति साकार हो।।
ममता, समता, शुचिता, साहस, श्रधा रूप महान हो।
दया क्षमा वात्सल्य की देवी, सदविचार की खान हो।।
माता की
प्रत्यक्ष छवि को,
नमन सहश्रों बार हो।
हे गुरुवर
के अंश जीजी तुम,
प्रेम मूर्ति साकार हो।।
-उमेश
यादव 25-12-20
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