गुरुवर आप ही तो साथ हैं
प्रखर प्रज्ञा पुंज गुरुवर, आप ही तो साथ हैं।
मातु ममता स्नेह सर पर, वर दायी हाथ है।।
आपके आशीष से ही, साँस चलते हैं हमारे।
आपके वरदान से ही, प्राण पलते हैं हमारे।।
आपही हैं रुधिर तन के,आप ही प्रभुनाथ हैं।
प्रखर प्रज्ञा पुंज गुरुवर,आप ही तो साथ हैं।।
आपके ही कृपा से,दिन रात अपने हो रहे हैं।
दया से ही आपके प्रभु,दैन्यता को खो रहे हैं।।
आप ही हैं
गुरु हमारे, आप ही जगन्नाथ हैं।
प्रखर प्रज्ञा पुंज गुरुवर, आप ही तो साथ हैं।।
याचना है प्रभु तुमसे,दूर कर दुःख-कष्ट सबके।
भाव उज्जवल हों हमारे,आपदा हों नष्ट जग के।।
आप करुणा रूप गुरुवर, आप ही अधिनाथ हैं ।
प्रखर प्रज्ञा पुंज गुरुवर, आप ही तो साथ हैं।।
-उमेश यादव 2-1-21
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