सुभाष
चंद्र बोस
खून के बदले आजादी लो, देश प्रेम
का नारा था।
हे सुभाष,
हे परमवीर, हर दुश्मन तुमसे हारा था।
जय हिन्द हमारा नारा था। यह हिन्द प्राण से प्यारा था।
सबसे पहले
देश का झंडा, तुमने ही
फहराया था।
अंग्रेजों से महायुद्ध
कर, अपना शौर्य दिखाया
था।।
जर्मनी से
बर्मा, जपान तक, जय हिन्द
का नारा था।
हे सुभाष, हे परमवीर, हर दुश्मन तुमसे
हारा था।।
वह लहू
नहीं है पानी है,जो काम देश के आ न सके।
युवा जोश वह है व्यर्थ,जो शाने वतन कहला न सके।।
प्रतिभाओं के धनी बोस को, मुक्त हिन्द ही प्यारा था।
हे सुभाष, हे परमवीर, हर दुश्मन तुमसे हारा था।।
सोये पड़े
भारत वीरों को,
तुमने ही
ललकार जगाया।
कई प्रान्त स्वतंत्र कराकर, फिरंगियों को धुल चटाया।।
“दिल्ली
चलो” का घोष किया,वह वीर बोस हमारा था।।
हे सुभाष,
हे परमवीर, हर दुश्मन तुमसे
हारा था।।
आजादी के
लिए बोस ने, जीवन का हर सांस जिया था।
विजय हमारी निश्चित ही है,ऐसा
दृढ विश्वास दिया था।।
आजाद हिन्द फौज
बनाकर,
अंग्रेजों को ललकारा था।
हे सुभाष,
हे परमवीर, हर दुश्मन तुमसे
हारा था।।
-उमेश
यादव१५ जन 21
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