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बुधवार, 30 नवंबर 2022

पितर हमारे सदा पूज्य हैं

 *पितर हमारे सदा पूज्य हैं* 

पितर हमारे सदा पूज्य हैं, तर्पण और श्राद्ध कराएं। 

पितरों की स्मृति में आओ,आओ हम एक वृक्ष लगाएं।। 


पितरों ने जीवन के रहते, हमसब पर उपकार किया है।

साधन ज्ञान प्रतिभा देकर, हमें समृद्ध संसार दिया है।।

रहे अभाव में फिर भी उनने,स्वजनों को मान दिलाया था ।

हरसंभव कोशिश से उनने, हम सबको श्रेष्ठ बनाया था।।  

ऋणी रहेंगे सदा उन्हीं के, भाव कृतज्ञता के विकसायें।

पितर हमारे सदा पूज्य हैं, तर्पण और श्राद्ध कराएं। 

पितरों की स्मृति में आओ, आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।  


पितरों के लालन पालन से, पोषण से हम बड़े हुए हैं।  

पितरों के ही कृपादृष्टि से, निज पैरों पर खड़े हुए हैं।। 

पितरों को श्रद्धांजलि देकर,आओ अपना फर्ज निभायें।

दस पुत्रों सम एक वृक्ष है, आओ हम एक वृक्ष लगाएं।। 

ज़माना याद करें पितरों को,स्नेह से श्रद्धा सुमन चढ़ाएं। 

पितरों की स्मृति में आओ, आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।  


पितर ही हैं अदृश्य सहायक, हरपल रक्षा करते हैं।

डिगे जहाँ उत्साह हमारा, मन में साहस भरते हैं।।

सदा सर्वदा अपने हैं वो, कल्याण सदा ही करते हैं। 

हरक्षण होता छांव उन्हीं का, सारे संकट हरते हैं।। 

आशीर्वाद पितरों से पाकर हम,जीवन धन्य बनाएं।

पितरों की स्मृति में आओ हम एक वृक्ष लगाएं।।

-उमेश यादव

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