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रविवार, 13 नवंबर 2022

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

विष से भरा ये जमाना बुरा था।

आतंक साया, जगत यह डरा था।।

बुरा वक्त बीता,अरे गुनगुनाओ।

अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

घरों मे दुबककर, रहे वर्ष भर हम।

रिश्ते  बिछड़कर, सहे दुःख दर्द हम।।

नये साल पर अबनया स्वर सुनाओ।

अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

बहुत हम है  खोये, बहुत सा है पाया।

नये रुप में हैधरा को सजाया।।

उज्जवल भविष्यत के स्वर अब सुनाओ।

अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।।

 

परजीवी का भय  इतना बड़ा था।

जगत को प्रभु कासंदेश कड़ा था।।

मिलकर बढ़ो जगनया अब बनाओ।

अरे मौन क्यों हो नये गीत गाओ।।

नया वर्ष आया खुशियाँ मनाओ।

-उमेश यादव

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