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रविवार, 13 नवंबर 2022

चलो उठो अब रण करने का समय है

 

चलो उठो अब रण करने का समय है।

 

चलो उठो अब रण करने का समय है।

दुष्ट दलन हित प्रण करने का समय है।।

 

अब घरों में बैठ गुस्सा, मत करो तुम,

हाथ पर यूँ हाथ धरकर,मत डरो तुम।।

क्रोध को यूँ व्यर्थ करना, अब नहीं है।

और  ठंढा  रक्त  करना, अब नहीं है।।

क्रोध से रिपुदल को,दलने का समय है।

चलो उठो अब रण करने का समय है।।

 

शत्रुओं  से  हाथ  दो  करना पड़ेगा।

दुश्मनों  पर  घात तो करना पड़ेगा।।

मत  प्रतीक्षा में  रुको, तुम बढ़ो अब।

घात खाने से भी पहले,तुम लड़ो अब।।

आगे बढ़ो, संग्राम करने का समय है।

चलो उठो अब रण करने का समय है।।

 

सामने  से  शत्रु  जो  ललकारते हैं।

तेरे  मौन  पर  अरे  फुफकारते  हैं।।

सोच  रखे  वो  तुम्हें कायर नपुंसक।

सिंह पुत्र  हो, डरो मत, जूझ जाओ।।

चलो दहाड़ो,सिंह गर्जना का समय है।

खर बढ़े जो आज कुचलने का समय है।।

चलो उठो अब रण करने का समय है।

दुष्ट दलन हित प्रण करने का समय है।।

-उमेश यादव

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