ऐसी कृपा करो माँ गंगे
ऐसी कृपा करो माँ गंगे,भव सागर तर जाएँ हम।
सारे पाप मिटा दे अंबे, बस तेरे गुण गायें
हम।।
हम ना जाने पूजन अर्चन,ना जाने माँ स्तुति वन्दन।
भाव हमारे शुद्ध नहीं है,ढोंग आरती,रोली, चन्दन।।
सारे मैल धुला दे माते, बस तेरे हो
पायें हम।
सारे पाप मिटा दे अंबे, बस तेरे गुण गायें हम।।
सूरज चाँद सितारे माता, सब तेरी जय गाते है।
सुर मुनि ऋषि तपस्वी योगी,गोद तुम्हारे आते है।।
ज्ञानामृत पिला दे मैया,मुक्ति सहज पा जायें हम।
सारे पाप मिटा दे अंबे, बस तेरे गुण
गायें हम।।
मिट जाये माँ छुद्र कामना,मिटे हृदय से हीन भावना।
तुझ जैसा माँ पूत हो तेरे,भरे ह्रदय में विमल भावना।।
अपनी तरह बनाले मईया, पर हित में मिट जाएँ हम।
सारे पाप मिटा दे अंबे, बस तेरे गुण गायें
हम।।
-उमेश यादव
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