परम श्रद्धेया जीजी माँ के जन्मदिवस,
अवतरण दिवस पर श्रद्धा सहित समर्पित #श्रद्धेय
गीता के अवतरण दिवस पर,अभिवंदन
स्वीकार करो।
जीजी आपके जन्मदिवस पर,स्नेह
सुमन स्वीकार करो।।
युग निर्माण के महा अभियान को, दिग्दिगंत
फैलाई हैं।
विचार क्रांति के लाल मशाल, हर
हाथों में पहुंचाई हैं।।
अखंड दीप की ज्योति जीजी, अंतस
के अंधकार हरो।
जीजी आपके जन्मदिवस पर,स्नेह
सुमन स्वीकार करो।।
तेरे अगुवाई में सर्वत्र ही,
धर्म ध्वजा
फहराया है।।
ज्ञान क्रांति
की दिव्य पताका, चहुँ ओर लहराया है।
अज्ञान तिमिर से घिरे विश्व में, ज्ञान
क्रांति संचार करो।
जीजी आपके जन्मदिवस पर,स्नेह
सुमन स्वीकार करो।।
नारी जाग्रति अभियान से,
नारी को सम्मान मिला है।
संस्कारों की परम्परा से, संतति
को सद्ज्ञान मिला है।।
गुरु मातु की तनुजा
दीदी, गुरुपुत्रों
के अवसाद हरो।
जीजी आपके जन्मदिवस पर,स्नेह
सुमन स्वीकार करो।।
स्वयं
वेदना में रहकर भी, अनुजो को है सदा हँसाया।
अगणित घाव सहे पर तुमनें, दुष्टों
को भी नहीं रुलाया।।
मातृ रूप में हे जीजी माँ, अब उनका
भी उपचार करो।
जीजी आपके जन्मदिवस पर,स्नेह
सुमन स्वीकार करो।
व्यामोह में फंसे पार्थ
को, योगेश्वर ने ज्ञान दिया था।
भारत राष्ट्र बने महान यह, श्रीकृष्ण
ने ठान लिया था।।
कौरव दल, छल-बल संग बैठा, पार्थ
प्रचंड हुंकार भरो।
गीता के अवतरण दिवस पर,अभिवंदन
स्वीकार करो।।
-उमेश यादव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें