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बुधवार, 30 नवंबर 2022

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र (नम:शिवाय पन्चाक्षरी स्तोत्र का पद्यानुवाद)

 श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र

(नम:शिवाय पन्चाक्षरी स्तोत्र का पद्यानुवाद)


हे चंद्रशेखर, हे सर्वेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।


नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नमः शिवायः॥


नागेन्द्र से कंठ शोभित तुम्हारे, त्रिलोचन प्रभु दिव्य महेश्वर।

भस्मांग रागी हे शिवशंकर, शाश्वत पूर्ण पवित्र दिगंबर।।

हे शिव शम्भू ‘न’ कार रूप में, नम: शिवाय ॐ नम:शिवाय ।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।


मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नमः शिवायः॥


सुरसरि शोभित, चंदन,अकवन, बहुपुष्प अर्चित हे शिवशंकर।

प्रमथ गणों, नंदी के ईश्वर, बहुविधि पूजित नाथ महेश्वर।।

हे शिव शेखर ‘म’ कार रूप में नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।


शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नमः शिवायः॥


हे नीलकंठ, हे धर्म ध्वज धारी, दर्प दक्ष का चूर किये तुम।

माँ गौरी के श्रीमुख कमल को,सविता जैसी दीप्ति दिए तुम।।

हे गिरिजापति ‘शि’ कार रूप में, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।


वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतमार्य मुनींद्र देवार्चित शेखराय।

चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नमः शिवायः॥


ऋषि अगस्त्य,गौतम, वशिष्ठ, मुनियों से अर्चित हे परमेश्वर।

लोचन सूर्य, चन्द्र, पावक सम, देवाधिपति हे जगदीश्वर ।।

हे शिव भोले ‘व’ कार रूप में, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।


यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नमः शिवायः॥


जटाधारी हे यक्ष स्वरूपा,पिनाक त्रिशूल हस्त शोभित रूपा।

सत्य,सनातन, दिव्य,पुरुष,हे देव दिगंबर अद्भुत रूपा।।

हे शिव सुन्दर ʼयʼ कार रूप में, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।


पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत् शिव सन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥


शिव के सानिध्य मे रहकर जो , पुण्य पंचाक्षर पाठ करेगा।

शिव के संग आनंदित होकर , शिव लोक में वास करेगा।।

सत्य शिव और सुन्दर मन से, नम: शिवाय ॐ नम:शिवाय।

हे सिद्धेश्वर, हे प्रज्ञेश्वर, नम:शिवाय ॐ नम:शिवाय।।

-उमेश यादव,शांतिकुंज,हरिद्वार

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