*बड़े जतन से गुरु आप मिले हो (किस्मत से तुम हमको मिले हो)*
बड़े जतन से गुरु आप मिले हो,
गुरुवर मैं धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
बड़े जतन गुरु, आप मिले हो,
गुरुवर मैं तो धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
हाथ पकड़ लो मेरा अब तो,दूर करो अन्धेरा अब तो
दे दो अब हाथ तेरा,
बड़े जतन से आप मिले हो,
गुरुवर मैं धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
हाथ पकड़ लो मेरा अब तो,दूर करो अन्धेरा अब तो
दे दो अब साथ मेरा,
बड़े जतन से हमें मिले हो,
गुरुवर मैं धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
गुरुवर जबसे आप मिले हो,जीवन का शूल गया
याद रहे बस तुम माताजी,कष्टों को भूल गया
कष्ट हरण कर तारा हमको,डूब रहा था उबारा हमको
जीवन को तार दिया, तुमने ही प्यार दिया
बड़े जतन से गुरु आप मिले हो,
गुरुवर मैं धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
अँधेरों में भटक रहा था,जीवन पथ में अटक रहा था
तुमने प्यार दिया
बड़े जतन से हमें मिले हो,
गुरुवर मैं तो धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
हाथ पकड़ लो मेरा अब तो,दूर करो अन्धेरा अब तो
दे दो अब हाथ तेरा,
हाथ पकड़कर साथ चलाया,सत्कर्मों की राह दिखाया
अज्ञानी था तूने पढ़ाया, जीवन में कुछ योग्य बनाया
साहस दे उत्साह जगाया, प्राणशक्ति दे सबल बनाया
सांसों में बस तुम्ही बसे हो,रोम रोम में तुम्ही रचे हो
हो प्राण हमारा
बड़े भाग्य से गुरु आप मिले हो,
गुरुवर मैं तो धन्य हुआ, ये जीवन धन्य हुआ,
हाथ पकड़ लो मेरा अब तो,दूर करो अन्धेरा अब तो
दे दो अब हाथ तेरा,
-UMESH YADAV
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें