होली आज मनाएं
आओ
होली आज मनाएं।
नफरत
हिंसा घृणा द्वेष को,
इस
होली में आज जलायें।
स्नेह
प्यार ममता समता का,
आओ
सबको रंग लगाएं।
आओ
होली आज मनाएं।।
आपस
में जो रंज हुआ है,
कटुता
से दिल भंज हुआ है।
रंग
गुलाल से धुलें उसे हम,
गले
मिलें सब बात भुलाएं।
आओ
होली आज मनाएं।।
शीत
ऋतु को जाने दें अब।
गीत
बसंत के गाने दे अब।
मौसम
ने ली है अंगड़ाई।
रंग
गुलाल की हवा बहाएं।
आओ
होली आज मनाएं।।
अशुभ
वृति को आज हटा दें।
मन
के दुर्गुण आज मिटा लें।
ईर्ष्या
द्वेष अब जल के रहेंगे ,
सब
पर स्नेह रंग बरसायें।
आओ
होली आज मनाएं।।
बहुत
हो गया तू तू मैं मैं,
मैं
को अब से हम में बदलें,
घर
परिवार समाज के हित में,
अहं
भाव को आज गलाएँ।
आओ
होली आज मनाएं।
होली
बने पर्याय ख़ुशी का,
क्षमा
प्रेम सहकार हँसी का,
निज
पहचान मिटाकर आओ,
देश
प्रेम का रंग चढ़ाएं।
आओ
होली आज मनाएं।
-उमेश
यादव
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