नया वर्ष, नव संवत्सर है
नया
वर्ष, नव संवत्सर है, खुशियाँ आज मनायें।
देश, धर्म, संस्कृति
रक्षा को,दृढ़ संकल्प जगाएं।।
नया
सवेरा शंख बजाता,पूरब से नव सूर्य उगा है।
नये
पुष्प पत्रों से सजकर,धरणी मानो स्वर्ग बना है।।
स्वागत
करें नए साल का, स्वागत थाल सजायें।
नया
वर्ष, नव संवत्सर है, खुशियाँ आज मनायें।।
सनातन
संस्कृति का आओ, अंतस में आधान करें।
श्रेष्ठ
समाज सशक्त राष्ट्र का,मिलकर नव निर्माण करें।।
ध्वजारोहण
करें संस्कृति का, केशरिया लहरायें।
नया
वर्ष, नव संवत्सर है, खुशियाँ आज मनायें।।
सादा
जीवन उच्च विचार का भाव सर्वत्र फैलाएं।
सभी
सुखी हों सबका हित हो,प्रेम भाव विकसायें।।
चैत्र
शुक्ल के प्रतिपदा को, उत्सव सभी मनाएं।
नया
वर्ष, नव संवत्सर है, खुशियाँ आज मनायें।।
नए
राष्ट्र के नव निर्माण हित,हम पुरुषार्थ जगाएं।
नवरात्रि
में शक्ति साधकर, प्राणशक्ति हम पायें।।
प्रकृति
के संग जीना सीख्रें, जीवन श्रेष्ठ बनाएं।
नया
वर्ष, नव संवत्सर है, खुशियाँ आज मनायें।।
-उमेश
यादव
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