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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

करनी जैसी भरना वैसा

 करनी जैसी भरना वैसा

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।

बुरे कर्म का बुरा नतीजा,शुभ से शुभ हो जाएगा।।

 

कर्मों का फल है निश्चित,यह अकाट्य विधान है।

देर सवेर भले ही मिलता, पर निश्चित परिणाम है।।

सद्कर्म सदा अपनाएंगे तो,जन्म सफल हो जाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

 

आम रोपने वाला बंदा,आम भविष्य में खाता है।

पर जिसने बबूल हैं पाले, काँटों में फंस जाता है।।

सत्कर्मों की खेती कर लें,भवसागर तर जाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

 

भाग्य हमारा अपने ही,पिछले कर्मों का लेखा है।

स्वयं और ईश्वर साक्षी हैं,उनने सबकुछ देखा है।।

दुष्कर्मों से डरना सीखें,परमार्थ स्वर्ग ले जाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

 

अगर कष्ट पहुंचाने कोई, राहों में कांटे बोता है।

व्याकुल मत होना वो तो,खुद को भँवर डुबोता है।।

कांटों से छलनी होगा वह,निश्चय ही दुख पाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

 

भला किसी का कर न सको तो,बुरा कभी ना करना।

बुरे काम का अंत बुरा है,  अनुचित से है डरना।।

भूत भविष्य संवरेगा उसका,जो सत्कर्म अपनाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

 

परहित सबसे बड़ा धर्म है, पर पीड़ा ही पाप है।

बुरे कर्म से भाग्य बिगड़ता, जीवन में संताप है।।

जैसा कर्म करेगा भाग्य भी,वैसा ही बन जाएगा।

करनी जैसी भरना वैसा,कर्मफल निश्चित पाएगा।।

-उमेश यादव

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