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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

मंगलमय हो वर्ष नया ये

 मंगलमय हो वर्ष नया ये

मंगलमय हो वर्ष नया ये,सब मिल मंगल गान करें।

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 

भारतीय संस्कृति ने ही, साथ साथ चलना सिखलाया।

मन एक हो,बोलें संग में, परहित में जीना सिखलाया।।

सादा जीवन उच्च विचार से, स्वयं का उत्थान करें।

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 

सभी सुखी हों सबका हित हो,पायें सभी निरोगी काया।

वसुधा है परिवार हमारा,मिलजुल कर रहना सिखलाया।।

जप तप पूजा पाठ ध्यान से,तन मन में नव प्राण भरें।

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 

ब्रह्मा ने ब्रह्माण्ड रचित कर,नूतन सृष्टि रचाया था।

शक को हरा शालिवाहन ने, धर्म ध्वजा फहराया था।।

दुष्ट दलन कर श्रीराम सा, राम राज्य निर्माण करें।।

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 

शिवाजी ने गुड़ी पड़वा पर, रिपुओं पर जय पाया था।

भारत के हर वासी को ही,संस्कृति प्रेम सिखलाया था।

जोश भरें सबके उर में हम,संस्कृति का सम्मान करें

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 

त्याग तपस्या ज्ञान भक्ति से, कर्म पवित्र हो जाता हैं।

प्यार स्नेह सहकार अगर हो, गेह स्वर्ग बन जाता है।।

संस्कृति और संस्कार अपनाएँ,नवयुग का निर्माण करें।

नवल वर्ष नव संवत्सर में, जगदीश्वर कल्याण करें।।

 -उमेश यादव

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