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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

अखंड दीप के दर्शन से

 *अखंड दीप के दर्शन से*

अखंड दीप के दर्शन से मिटता मन का अंधियारा है।

इसकी दिव्य ज्योति ने जग में फैलाया उजियारा है।।

 

जप ध्यान का लाभ सहज ही,दर्शन से मिल जाता है।

दान पुण्य परमार्थ धर्म का, भाव प्रबल हो जाता है।।

भटकावों से हमें बचाता, सत्पथ का दीप सहारा है।

अखंड दीप के दर्शन से, मिटता मन का अंधियारा है।।

 

जीवन से अज्ञान हटाकर, ज्ञान के दीप जलाता है।

अंध तमस को दूर भगा, सौभाग्य सूर्य उगाता है।।

कोटि कोटि मानुष का इसने,जीवन मार्ग संवारा है।

अखंड दीप के दर्शन से,मिटता मन का अंधियारा है।।

 

ज्योति के सम्मुख होते ही, पाप भष्म हो जाते हैं।

भव बंधन से मुक्ति का, सन्मार्ग सहज ही पाते हैं।।

अखंड ज्योति का दर्शन पाना, सुख सौभाग्य हमारा है।

अखंड दीप के दर्शन से,मिटता मन का अंधियारा है।।

 

अज्ञान ग्रषित वसुधा को इनने,ज्ञान मार्ग दिखालाया।

प्रेम शांति सद्भाव हो जग में, विश्व परिवार बनाया।।

भटक रहे मानवता को, इस दीपक ने पुनः उबारा है।

अखंड दीप के दर्शन से, मिटता मन का अंधियारा है।।

-उमेश यादव

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