*साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ*
स्नेह प्रेम करुणा की देवी,दिव्य कृपा की छांव है।
साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ, शत शत तुम्हें प्रणाम है।।बारम्बार प्रणाम है।।
ममता की सागर दीदी माँ,सबपर प्यार लुटाती हैं।
हर अनाथ बच्चों को दीदी,स्नेहांचल सुलातीं हैं।।
असहायों की दुनिया अपनी,वात्सल्य शुभ ग्राम है।
साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ, शत शत तुम्हें प्रणाम है ।।बारम्बार प्रणाम है।।
कोई शरण में आये दुःख से, आंसू पोछ हंसाती हो।
बन बिछुडों की माता उसकी, दुनिया नयी बसाती हो ।।
हे करुणा की उदधि आपके ,कृपा जगत कल्याण है।
साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ, शत शत तुम्हें प्रणाम है।। बारम्बार प्रणाम है।।
कृपा तुम्हारी पाकर माते,जीवन धन्य हो जाता है ।
नयी दृष्टि नवप्राण सुधारस,मन सुखमय हो जाता है।।
रोम रोम आनंदित होता, आशीष
दिव्य ललाम है ।
साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ, शत शत तुम्हें प्रणाम है।। बारम्बार प्रणाम है।।
स्नेह प्रेम वात्सल्य की देवी ने भूपर अवतार लिया।
अपना प्यार लुटाकर माते, हम सबपर उपकार किया।।
मातृभाव विस्तार किया माँ,वात्सल्य सुखधाम है।
साध्वी ऋतंभरा दीदी माँ, शत शत तुम्हें प्रणाम है।। बारम्बार प्रणाम है।।
-उमेश यादव
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