जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
गिरी शिखरों से निकली सरिता, शांतिकुंज में वास करे।
घर परिवार समाज राष्ट्र में,सुरभित सुखद सुवास भरे।।
बचपन बिता अल्हड़पन में,है मस्ती में जीवन जिया।
बड़े वेग से, बाढ़ बवंडर,उतार चढ़ाव भी सहन किया।।
किया समर्पण घर परिकर को,नद ने नव उत्साह भरे।
गिरी शिखरों से निकली सरिता, हरिद्वार में वास करे।।
हरिद्वार आकर सलिला ने, सेवा का संकल्प लिया।
और बना जैसे भी तुमने, मानव का उपकार किया।।
बुद्धि विवेक से आनंदित कर,मन में एक मिठास भरे।
गिरी शिखरों से निकली सरिता, हरिद्वार में वास करे।।
दीप्ति हुई तटिनी की ऐसी, आनंदमयी परिवार हुआ।
गुरुकृपा सरि के तप से,पुण्यनगरी तक विस्तार हुआ।।
तेरे अखंड तप के कारण हम, सबमें एक विश्वास भरे।
गिरी शिखरों से निकली सरिता, हरिद्वार में वास करे।।
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