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सोमवार, 6 दिसंबर 2021

गुरु बिन ज्ञान नहीं है

 

गुरु बिन ज्ञान नहीं है

ज्ञान बिना जीवन अंधियारा,गुरु बिन ज्ञान नहीं है।

गुरु जहाज अनंत सागर में,बिनु गुरु स्थान नहीं है।।

 

अनहद नाद ध्वनित हो पाता, गुरु मृदंग जब बाजे।

ज्ञान भक्ति जागृत हो जाता, गुरु कृपा जब जागे।।

गुरु ही ईश्वर,गुरु परमेश्वर, गुरु बिन मान नहीं है।

ज्ञान बिना जीवन अंधियारा,गुरु बिन ज्ञान नहीं है ।।

 

गुरु तो ज्ञान प्रवाह सतत है,भव से पार कराते हैं।

जीव जगत माया बंधन को,काट मुक्ति दे जाते हैं।।

भरे रंग जीवन में, मन में,बिन गुरु मान नहीं है।

ज्ञान बिना जीवन अंधियारा,गुरु बिन ज्ञान नहीं है।।

 

जीवन पथ चलना सिखलाते,राह नयी बनवाते हैं।

कर्म अकर्म का भेद बताते, सत्पथ हमें चलाते हैं।।

समस्यायों का हल भी तो बिन गुरु आसान नहीं है।

ज्ञान बिना जीवन अंधियारा,गुरु बिन ज्ञान नहीं है।।

उमेश यादव

 

 

 

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