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मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

माँ मिल गयी है

 


गमपरम श्रधेया जीजी के जन्मदिवस पर

“माँ मिल गयी है”

 

हमें तेरे स्वरूप में दीदी,माँ मिल गयी है।

जब तुझसे जुड़े, आसमां मिल गयी है।।

 

करुणा ममता प्यार दया सब, तुमसे ही सीख रहे हैं।

दोष, दुर्गुणों, भ्रम भय से, रण भी हम जीत रहे हैं।।

तेरे स्वरुप में माँ-गुरु की,कृपा मिल गयी है।

हमें तेरे स्वरूप में दीदी,माँ मिल गयी है।।

 

प्यार दिया ऐसा की हमने,रुढियों को तोड़ दिया है।

संकीर्णता को छोड़ा हमने,पथ अपना मोड़ लिया है।।

तेरे स्नेह प्यार से नव,जहाँ मिल गयी  है।

हमें तेरे स्वरूप में दीदी,माँ मिल गयी है।।

 

एक पुरानी दुनिया छोड़ी,नए मार्ग पर कदम बढाया।

उसी राह पर कदम बढ़ाया,जैसा तुमने राह दिखाया।।

तेरा प्रेम पाकर अद्भुत, समां मिल गयी है।

हमें तेरे स्वरूप में दीदी,माँ मिल गयी है।।

 

घर परिवार रिश्ते नातों में,अब तुमको जोड़ लिया है।

सारा जहाँ अपना घर है, जब खुद को जोड़ लिया है।।

प्रेम स्नेह वात्सल्य भाव की,अम्मा मिल गयी है।

हमें तेरे स्वरूप में दीदी, माँ मिल गयी है।।

-उमेश यादव  

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