महाशक्ति अवतरित हुई हैं
असुरों ने जब जब धरती पर,अत्याचार फैलाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं,जग को मुक्त कराया है।।
धरा धाम जब त्रसित हुई थी महिषासुर के पापों से।
देवलोक भी कांपा था तब,असुर महिष के तापों से।।
माँ दुर्गा बन महिषासुर का,भीषण अंत कराया था ।
महाकाली बन रक्तबीजों, का अस्तित्व मिटाया था।।
शांति स्थापित किया जगत में,देवविजय करवाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं,जग को मुक्त कराया है।।
दुष्ट दशानन के असुरों ने, धर्म-यज्ञ को नष्ट किया था।
ऋषि मुनियों साधू संतों को,निशाचरों ने कष्ट दिया था।।
ऋषियों के ही अंश रक्त से, माँ सीता अवतरित हुई थी।
असुरों का कुल नाश किया था,धर्म कार्य संचरित हुई थी।।
रामराज्य फैलाया जग में, धर्म राज्य विकसाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं, जग को मुक्त कराया है।।
झाँसी के रानी ने भी जब,कठोर कृपाण उठाया था।
छुड़ा दिए छक्के दुश्मन के, भीषण युद्ध कराया था।।
रण चंडी बन कूद पड़ी थी, अंग्रेजों से टकराई थी।
रण कौशल से महासमर में,उसने विजय दिलाई थी।।
नारी अबला कभी न होती, यह विश्वास जगाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं, जग को मुक्त कराया है।।
आस्था संकट ने अब फिर से, भूपर कहर मचाया है।
श्रद्धा और विश्वास डिगाने,मिथ्या भ्रम फैलाया है।।
आडम्बर से घिरे समाज को, रुढियों में अटकाया है।
जाति धर्म और उंच नीच में, मानव को भटकाया है।।
विषम समय में जीजी ने,सबको सन्मार्ग दिखाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं, जग को मुक्त कराया है।।
नवयुग के निर्माण के लिए,विचार क्रांति उद्घोष किया।
अज्ञानता में सुप्त मनुज को,ज्ञान क्रांति कर जोश दिया।।
आधी जनशक्ति को गुरु ने, शक्तिपात कर श्रेष्ठ बनाया।
शिक्षा और संस्कार दे माँ ने,हम पुत्रों को ज्येष्ठ बनाया।।
नारी जाग्रति अभियानों को,जीजी माँ ने विकसाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं, जग को मुक्त कराया है ।।
‘हम बदलेंगे- युग बदलेगा’ युग निर्माण का नारा है।
श्रद्धेय द्वय का संरक्षण में,यह शुभ कार्य हमारा है।।
जुट जाएँ हम सब मिल करके, युग ने हमें पुकारा है।
महा शक्ति के साथ चलेंगे, दृढ संकल्प हमारा है।।
सृजन साधकों आगे आओ,जीजी ने हमें बुलाया है।
महाशक्ति अवतरित हुई हैं, जग को मुक्त कराया है।।
-उमेश यादव
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