मुझे हमारी माँ मिल गयी
मुझे हमारी माँ मिल गयी,
एक नयी जहाँ मिल गयी।
एक जन्म देने वाली है,
जिसने हमको पाला पोसा।
दुःख कष्ट सब झेले उसने,
कभी नहीं किसी को कोसा।।
पर मुझको आनंद दिलाने,
ये तो अपनी माँ मिल गयी।
मुझे हमारी माँ मिल गयी।।
तेरे ही आशीष से माते,
आनंदमय जीवन है अपना।
तेरे कृपा की छांव में ही हम,
बुनेंगे जीवन का सपना।।
माँ तेरे कारण ही तो,
मुझको नयी समां मिल गयी।
मुझे हमारी माँ मिल गयी।।
आज आपका जन्मदिवस है,
पर आशीष मुझे चाहिए।
अपना घर परिवार सुखी हो,
वह बखसीस मुझे चाहिए।।
आप के आशीष से हम सबको,
नयी एक आसियां मिल गयी।
मुझे हमारी माँ मिल गयी।।
-दीप्ति आनंद यादव
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