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शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2021

2.ब्रह्मचारिणी माता


ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति हमें दो।
ज्योतिर्मय हे मातु भवानी,चरणों में अनुरक्ति हमें दो।।

ब्रह्माण्ड निर्मात्री हे जगदम्बा, समस्त विद्याओं के ज्ञाता।
सफल करो ये जीवन अपना,कृपा भक्ति याचक हूँ माता।।
त्याग और वैराग्य बढ़ा माँ,अपनी अविचल भक्ति हमें दो।
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति हमें दो।।

हे ब्राह्मी माँ, तपश्चारिणी, ब्रह्म शक्ति मय तुम हो माता।
कमंडलु माला शोभित माते,बुद्धि विवेक नर तुमसे पाता।।
हे महादेवी, जगजननी माँ,ज्ञान भक्ति की युक्ति हमें दो।
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति हमें दो।।

सदाचार, संयम को माते, जीवन का आधार बना दो।
दुःख कष्टों से मुक्त हो जीवन,शान्तिमय संसार बनादो।।
त्रिभुवन सुंदरी हे माँ अम्बे,भव बंधन से मुक्ति हमें दो।
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति हमें दो।।
–उमेश यादव


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