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रविवार, 28 मार्च 2021

तेरे रंग में रंग जाए


*तेरे रंग में रंग जाए*
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।
जितना  धोऊ  उतना  चमके, जीवन  सतरंगी  बन जाए।।

जहाँ जहाँ रंग मलिन हुआ है,उसको फिर से धवल बना दो।
सूख रही भावों की नदियाँ, स्नेह  प्यार से  सजल बना दो।।
नहीं  रहे  बदरंग  कहीं  अब , सब  पर  ऐसा  रंग  चढ़ जाए।
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।

श्याम रंग क्यों डाला हमने,छवि अपनी मैली कर डाली।
प्रेम रंग  अति  गाढ़ा था  पर, घृणा द्वेष भर उसे मिटा ली।।
रंग बदलकर भी क्या जीना,खरा रंग अंग अंग लग जाए।
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।

धरती, अम्बर, अवनि सबको,दिव्य रंग में रंग डाला है।
सूरज,चाँद,सितारों से,दुनियां ही अनुपम कर डाला है।।
कुछ  ऐसा  तू  हमें  भी रंग दे, तू  जैसा चाहे  बन जायें।
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।

फाग रंग अब नीरस हुआ है, हर्ष -जोश का भंग चढ़ा दे।
राग  द्वेष  बढ़े  जो मन में, उसे  मिटा अब प्यार बढ़ा दे।।
अंतःकरण के दोष हटाकर, इन्द्रधनुष सा मन रंग जाए।
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।

तू  है  बड़ा  रंगीला  तूने, कहाँ कहाँ पर  रंग  नहीं  डाला।
जीव  जगत  सब  रंग  में  तेरे, सबको ही तूने रंग डाला।।
प्रेम  रंग  में  रंग  दे  सबको, प्रेममयी  जीवन  बन  जाए।
हे  रंगरेज  रंगो  कुछ  ऐसा,  मन  तेरे  रंग  में  रंग  जाए।।
-उमेश यादव

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

कमाल का है