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शुक्रवार, 5 मार्च 2021

अपनों सा अहसास


सब रिश्तों में बहुत खास जो,अपनों सा अहसास कराता

मित्रता  ऐसा  बंधन  है  जो, गैरों  में  विश्वाश  जगाता।।

 

मित्रता  की  कोई  मोल नहीं पर, मित्र  हमारा  हीरा है

दुःख का हरदम साथी है वह, सुख का बृहत् जखीरा है।।   

कोई  भी  तेरा  हो  न हो पर, मै तेरा हूँ आभाष कराता

सब रिश्तों में बहुत खास जो,अपनों सा अहसास कराता।।

 

पराया  हो  आते  जीवन में, अपना होकर रह जाते है

यादों  की  दुनियां  में  ये तो, अक्सर बहुत सताते हैं।।  

कभी निराश न होने देता, हिम्मत और विश्वास जगाता

सब रिश्तों में बहुत खास जो,अपनों सा अहसास कराता।।

 

पाप कर्म  से  हमें बचाता, हित कारज में सदा लगाता

गुण को सदा प्रकाशित करता, दुर्गुण से है दूर भगाता।।

हर्ष ख़ुशी को दूना करता, दुःख में  है साहस भर जाता

सब रिश्तों में बहुत खास जो,अपनों सा अहसास कराता।।

 

अन्दर  बाहर  एक  हमेशा, दिल  की  बातें कहता है

रहे  दूर  या  पास रहे  पर, हरपल  दिल में रहता है।।

स्वार्थ रहित सेवा  से ही तो, है सच्चा वह मित्र कहाता

सब रिश्तों में बहुत खास जो,अपनों सा अहसास कराता।।

        -उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार 5-3-21

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