शुष्क जीवन को बना दे, बासंती मधुमास है।
मित्र सुगन्धित पुष्प है,सुरभित सुखद उल्लास है।।
फिसलने का भय नहीं, जब मित्र अपने साथ हो।
मुश्किलें भी दूर जाती, हाथ में गर हाथ हो।।
मित्रता के संग जीवन, एक सुखद एहसास है।
मित्र सुगन्धित पुष्प है,सुरभित सुखद उल्लास है।।
मन-प्राण को झंकृत करे, वो साज है, सितार है।
सुर-ताल का संगीत है, लय-तान का संसार है।।
मित्रता है छंद जिसमें, प्यार है विश्वास है।
मित्र सुगन्धित पुष्प है,सुरभित सुखद उल्लास है।।
हर्ष मय आँगन बना दे, मित्रता की छांव से।
दुर्गुणों को दूर कर दे, सद्गुणों के गाँव से।।
व्यक्त न कर पाए की जैसे, मूक की मिठास है।
मित्र सुगन्धित पुष्प है,सुरभित सुखद उल्लास है।।
मित्र हैं तो हर ख़ुशी है, ना कोई निराश है।
दूर रहते पर सदा, लगता हमारे पास है।।
पूर्ण हो जाये सदा जो, मित्र ही वो आस है।
मित्र सुगन्धित पुष्प है,सुरभित सुखद उल्लास है।।
-उमेश यादव 6-3-21